Breaking News

Lynching in Assam: असम में 6 मुस्लिम युवाओं पर भीड़ का कहर, एक की मौत

Lynching: असम में भीड़ ने 6 मुस्लिम युवकों को पीटा, एक की मौत
Lynching: भीड़ के हमले के बाद घायल पड़े तीन मुस्लिम युवक. 


Lynching in India: असम के अहोटगुरी गांव में हिंदूओं की उग्र भीड़ ने छह मुस्लिम युवाओं के एक समूह पर हमला कर दिया, जिसकी जद में आने से बोरबारी अहोत्पम गांव के सद्दाम हुसैन (Saddam Hussain) की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पीड़ित एक स्थानीय कबड्डी लीग मैच (Kabaddi league Match) से लौट रहे थे, लेकिन इन लोगों पर पहले पर गायों को चुराने का आरोप लगाया गया, जिससे उन लोगों ने इंकार किया. इसके बाद भी भीड़ ने सभी 6 मुस्लिम युवकों को पीटना शुरू कर दिया. इन लोगों को इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि इनमें से एक सद्दाम हुसैन की मौत हो गई. बाकी के 5 लोगों को इलाज अस्पताल में चल रहा है. यह घटना 25 जुलाई की बताई जा रही है.


पीड़ितों में इलाके का विख्यात फुटबॉलर भी

पीड़ितों में अनवारुल हक भी शामिल था, जो इलाके में अपने उल्लेखनीय फुटबॉल कौशल के लिए "मेसी" के नाम से जाना जाता है. अपनी प्रसिद्धि के बावजूद, अनवारुल और उसके दोस्त उन हिंसक हमलावरों से बच नहीं सके, जो उन्हें मारने पर आमादा थे. जैसे ही हमला शुरू हुआ तो अनवारुल ने भीड़ को समझाने की कोशिश की और बताया कि हम सभी निर्दोष हैं और कबड्डी का मैच देख कर लौट रहे हैं. हालांकि, उनकी दलीलों का भीड़ पर कोई असर नहीं हुआ. अफवाहों से बढ़की भीड़ में और भी लोग शामिल हो गए और लोगों ने इन लोगों को पीटना शुरू कर दिया.


दो शख्स ने भागकर बताई जान


खतरे को महसूस करते हुए अनवारुल अपने दो अन्य साथियों के साथ घटनास्थल से भागने में सफल रहा, लेकिन उनके तीन साथियों को भीड़ ने पकड़ लिया. अपने भाई मिराजुल को बचाने की कोशिश में मैनुल हक घटनास्थल की ओर गए, लेकिन उसे पीड़ितों तक पहुंचने से रोक दिया गया.

गोदी मीडिया में सन्नाटा


इस तरह की वीभत्स घटनाएं हमारे समाज के लिए नासूर बनती जा रही है, लेकिन मुसलमानों की छोटी-छोटी गलती और व्यक्तिगत अपराधों पर रात दिन बहस करने नफरती उद्घोष करने वाला गोदी मीडिया इस मुद्दे पर पूरी तरह से खामोश है. लिहाजा, वक्त रहते शांति और एकता की भावना को देश में मजबूत करने की जरूरत है. हम पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सरकार व प्रशासन से न्याय दिलाने का आग्रह करते हैं. आइए हम ऐसी संवेदनहीन हिंसा के खिलाफ एक साथ खड़े हों और एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज के लिए प्रयास करें. (News Source: maktoobmedia)

कोई टिप्पणी नहीं